Approval
of introduction of the Payment of Gratuity (Amendment) Bill, 2017 in the
Parliament संसद में उपादान भुगतान (संशोधन)
विधेयक, 2017 को
पेश करने की
मंजूरी
Press Information Bureau
Government of India
Cabinet
12-September-2017 16:53 IST
Cabinet
approves introduction of the Payment of Gratuity (Amendment) Bill, 2017 in the
Parliament
The
Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has given its
approval for introduction of the Payment of Gratuity (Amendment) Bill, 2017 in
the Parliament.
The
Amendment will increase the maximum limit of gratuity of employees, in the
private sector and in Public Sector Undertakings/ Autonomous Organizations
under Government who are not covered under CCS (Pension) Rules, at par with
Central Government employees.
Background:
The
Payment of Gratuity Act, 1972 applies to establishments employing 10 or more
persons. The main purpose for enacting this Act is to provide social security
to workmen after retirement, whether retirement is a result of the rules of
superannuation, or physical disablement or impairment of vital part of the
body. Therefore, the Payment of Gratuity Act, 1972 is an important social
security legislation to wage earning population in industries, factories and
establishments.
The
present upper ceiling on gratuity amount under the Act is Rs. 10 Lakh. The
provisions for Central Government employees under Central Civil Services
(Pension) Rules, 1972 with regard to gratuity are also similar. Before
implementation of 7th Central Pay Commission, the ceiling under CCS (Pension)
Rules, 1972 was Rs. 10 Lakh. However, with implementation of 7th Central Pay
Commission, in case of Government servants, the ceiling now is Rs. 20 Lakhs
effective from 1.1.2016.
Therefore,
considering the inflation and wage increase even in case of employees engaged
in private sector, the Government is of the view that the entitlement of
gratuity should be revised for employees who are covered under the Payment of
Gratuity Act, 1972. Accordingly, the Government initiated the process for
amendment to Payment of Gratuity Act, 1972.
*****
पत्र
सूचना कार्यालय
भारत
सरकार
मंत्रिमंडल
12-सितम्बर-2017
17:16 IST
मंत्रिमंडल ने संसद
में उपादान
भुगतान (संशोधन)
विधेयक, 2017 को
पेश करने की
मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने संसद
में उपादान
भुगतान (संशोधन)
विधेयक, 2017 को
पेश करने को
अपनी मंजूरी
दे दी है।
इस संशोधन
से निजी क्षेत्र और सरकार
के अधीन सार्वजनिक उपक्रम/स्वायत्त
संगठनों के कर्मचारियों के उपादान
की अधिकतम
सीमा में वृद्धि होगी, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अनुसार
सीसीएस (पेंशन)
नियमावली के अधीन
शामिल नहीं हैं।
पृष्ठभूमि:
दस अथवा अधिक
लोगों को नियोजित करने वाली स्थापनाओं के लिए उपादान भुगतान अधिनियम,
1972 लागू है। इस
अधिनियम को लागू
करने का मुख्य
उद्देश्य है - सेवानिवृति के बाद कामगारों की सामाजिक
सुरक्षा, चाहे सेवानिवृति की नियमावली
के परिणामस्वरूप
सेवानिवृति हुई हो
अथवा शरीर के
महत्वपूर्ण अंग के
नाकाम होने से
शारीरिक विकलांगता
के कारण सेवानिवृति हुई हो। इसलिए
उपादान भुगतान
अधिनियम 1972, उद्योगों, कारखानों और स्थापनाओं में मजदूरी
अर्जित करने वाली
जनसंख्या के लिए
एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा
का विधान
है।
अधिनियम के तहत
उपादान राशि पर
मौजूदा अधिकतम
सीमा 10 लाख रूपये
है। उपादान
के संबंध
में सीसीएस
(पेंशन) नियमावली,
1972 के अधीन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए
भी समान प्रावधान हैं। सातवां
केंद्रीय वेतन आयोग
लागू होने से
पहले सीसीएस
(पेंशन) नियमावली,1972
के अधीन अधिकतम सीमा 10 लाख रूपये
थी। हालांकि
सातवां केंद्रीय
वेतन आयोग लागू
होने से सरकारी कर्मचारियों के मामले
में 1 जनवरी,
2016 से अधिकतम
सीमा अब 20
लाख रूपये
है।
इसलिए निजी क्षेत्र में काम करने
वाले कर्मचारियों
के मामले
में भी महंगाई और वेतन वृद्धि पर विचार
करते हुए सरकार
का अब यह
विचार है कि
उपादान भुगतान
अधिनियम,1972 के अधीन
शामिल कर्मचारियों
के लिए उपादान की पात्रता
में संशोधन
किया जाना चाहिए। तदनुसार, सरकार
ने उपादान
भुगतान अधिनयिम,
1972 में संशोधन
की प्रक्रिया
शुरू की।
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