Thursday, November 5, 2015

Sovereign Gold Bonds scheme to be launched by PM Modi: Top 10 things to know



The Reserve Bank of India (RBI) has issued operational guidelines for Sovereign Gold Bonds scheme, 2015-16, to be launched by Prime Minister Narendra Modi on Thursday. (Reuters)

The Reserve Bank of India (RBI) has issued operational guidelines for Sovereign Gold Bonds scheme, 2015-16, to be launched by Prime Minister Narendra Modi on Thursday. Besides Sovereign Gold Bonds, Modi will also launch two other gold related schemes – Gold Monetisation Scheme (GMS) and the Gold Coin and Bullion Scheme. Here are 10 points to know about the Sovereign Gold Bonds scheme:

1. Issuing the operational guidelines on the gold bonds, RBI said application forms from investors will be received at branches during normal banking hours from November 5 to 20. “Relevant additional details may be obtained from the applicants, where necessary. Receiving offices need to ensure that the application is complete in all respects,” it said.

2. Investors will be compensated at a fixed rate of 2.75 per cent per annum payable semi-annually on the initial value of investment.

3. RBI said applicants will be paid interest on application money at prevailing savings bank rate from the date of realisation of payment to the settlement date (the period for which they are out of funds).

4. In case the applicant’s bank account is not with the receiving bank, the interest has to be credited by electronic fund transfer to the account details provided by the applicant, the guidelines said. It added that banks may engage NBFCs, NSC agents and others to collect application forms on their behalf. Banks may enter into arrangements or tie-ups with such entities.

5. Sovereign Gold Bonds will be available for subscription at the branches of scheduled commercial banks and designated post offices through RBI’s e-kuber system. The e-kuber system can be accessed either through Infinet or Internet.

6. Cancellation of application is permitted till the closure of the issue (November 20). Part cancellation of submitted request for purchase of gold bonds is not permitted. No interest on application money needs to be paid if the application is cancelled.

7. Sovereign Gold Bonds will be denominated in multiples of gram(s) of gold with a basic unit of 1 gram. The tenor of the Sovereign Gold Bonds will be for a period of 8 years with exit option from 5th year.

8. The GMS will replace the existing Gold Deposit Scheme, 1999. However, the deposits outstanding under the Gold Deposit Scheme will be allowed to run till maturity unless the depositors prematurely withdraw them, the Finance Ministry said in a statement.

9. The Indian gold coin is a part of the Gold Monetisation Programme. The coin will be the first ever national gold coin and will have the National Emblem of Ashok Chakra engraved on one side.

10. The Sovereign Gold Bonds will be issued on November 26.


To view, the operational procedure, please CLICK HERE. 


प्रधानमंत्री ने स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सार्वभौम गोल्ड बांड योजना और भारतीय स्वर्ण सिक्का नामक तीन स्‍वर्ण संबंधित योजनाओं का शुभारंभ किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां एक समारोह में तीन स्वर्ण संबंधी योजनाओं की शुरुआत की। ये योजनाएं हैं – स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सार्वभौम गोल्ड बांड योजना और भारतीय स्वर्ण सिक्का। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को ‘सोने पे सुहागा’ का उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा - कोई कारण नहीं है कि भारत को गरीब देश कहा जाए, उसके पास 20,000 टन सोना है। उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध सोने को उत्पादक उपयोग के लिए रखा जाना चाहिए और ये योजनाएं हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने का रास्ता दिखाती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में अक्सर सोना महिलाओं के सशक्तिकरण का एक स्रोत रहा है, और ये योजनाएं सशक्तिकरण की भावना को रेखांकित करेंगी।

प्रधानमंत्री ने भारत में सुनार परिवारों को हासिल विश्वास के विशाल बंधन की बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय सुनारों के इन योजनाओं से परिचित हो जाने के बाद वे इनके सबसे बड़े एजेंट बन सकते हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी ने अशोक चक्र वाले भारतीय स्वर्ण सिक्के की शुरुआत को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को अब ज्यादा देर तक ढले हुए विदेशी स्वर्ण बुलियन या सिक्कों पर निर्भर नहीं रहना होगा।

प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं पर एक वेबसाइट http://finmin.nic.in/swarnabharat भी शुरू की और छह प्रारंभिक निवेशकों को निवेश के प्रमाण पत्र वितरित किए।

इससे पूर्व, एक जनसमूह को संबांधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि किसी व्‍यक्ति विशेष के पास पडा हुआ सोना उसकी व्‍यक्तिगत बचत हो सकती है लेकिन यह देश के विकास में कोई योगदान नहीं देता। उन्‍होंने कहा कि आज के बाद सोना केवल सुरक्षा का माध्‍यम ही नहीं रहेगा बल्कि इससे आय भी अर्जित की जा सकेगी एवं यह राष्‍ट्र निर्माण का हिस्‍सा भी बन जाएगा। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने यह भी कहा कि आज शुभारंभ इन तीन स्‍वर्ण संबंधित योजनाओं के बाद सोने का आयात कम हो जाएगा।

उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि देश के नागरिक इन तीन स्‍वर्ण योजनाओं का लाभ उठाएंगे। इस अवसर पर वाणिज्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा भी उपस्थित थे। 

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